Untold Journey Of Durgesh Kumar: पंचायत सीजन 4 (Panchayat Season 4) ने जबरदस्त तहलका मचाया हुआ है, और इस सीज़न में फुलेरा गांव का भूषण उर्फ बनराकस (Durgesh Kumar) दर्शकों के दिलों पर खास जगह बना चुका है। बिहार के दरभंगा से निकलकर इंजीनियरिंग का सपना लिए दिल्ली आए दुर्गेश कुमार आज ‘पंचायत’ के बनराकस के रूप में घर-घर में मशहूर हैं। उनकी कॉमिक टाइमिंग और पॉलिटिकल चालबाजियां सीजन 4 में छा गई हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुर्गेश (Durgesh Kumar) ने इम्तियाज अली (Imtiaz Ali) की फिल्म में काम किया था? आइए जानते हैं दुर्गेश की प्रेरक यात्रा, उनके थिएटर से ‘पंचायत’ तक के सफर की अनोखी कहानी।
बिहार से दिल्ली का सफर | Untold Journey Of Durgesh Kumar
दुर्गेश कुमार (Durgesh Kumar) का जन्म बिहार (Bihar) के दरभंगा जिले में हुआ। उनके पिता हरिकृष्ण चौधरी, सीएम आर्ट्स कॉलेज में प्रोफेसर थे और चाहते थे कि दुर्गेश इंजीनियर बनें। 2001 में, 17 साल की उम्र में, दुर्गेश अपने भाई डॉ. शिवशक्ति चौधरी के साथ इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए दिल्ली आ गए। मगर कठिन एंट्रेंस एग्जाम ने उनका रास्ता बदला। भाई के सुझाव पर उन्होंने थिएटर की ओर रुख किया। 2004 से 2007 के बीच दुर्गेश (Durgesh Kumar) ने आर्ट में ग्रेजुएशन पूरा किया और श्रीराम सेंटर से एक्टिंग में सर्टिफिकेट कोर्स किया। इसके बाद उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) में दाखिला लिया, जहां नसीरुद्दीन शाह, इरफान खान, रघुबीर यादव और नीना गुप्ता जैसे महान कलाकार भी पढ़े हैं।
‘हाईवे’ में आडू का किरदार | Untold Journey Of Durgesh Kumar
2014 में दुर्गेश (Durgesh Kumar) को इम्तियाज अली की फिल्म ‘हाईवे’ में आलिया भट्ट और रणदीप हुड्डा के साथ काम करने का सुनहरा मौका मिला, जहां उन्होंने आडू नामक एक गुजराती किरदार को जीवंत रूप दिया जो छोटा मगर प्रभावशाली था। दुर्गेश ने एक इंटरव्यू में बताया कि इस रोल के लिए उन्होंने 45 दिन तक शूटिंग की और किरदार को प्रामाणिक बनाने के लिए 25 दिन तक नहाया नहीं। उन्होंने कहा, “भागते हुए आदमी की मानसिकता को समझने के लिए मैं 2-3 रातें जागता रहा।” उनकी यह मेहनत रंग लाई, और 2025 में ‘हाईवे’ के री-रिलीज पर आलिया और रणदीप ने उनके काम की तारीफ की। दुर्गेश ने फिल्म के दो शो अपने 65 दोस्तों के साथ देखे, जिन्होंने उनके अभिनय को सराहा।
‘पंचायत’ में बनराकस की धूम | Panchayat Mein Banrakas Ki Dhoom
‘पंचायत’ में दुर्गेश (Durgesh Kumar) का बनराकस (Banracas) किरदार पहले सीजन में एक छोटा-सा गांव वाला था, लेकिन सीजन 4 में वह कहानी का अहम हिस्सा बन गया। उनकी कॉमिक टाइमिंग, ‘कुकर में लौकी’ वाला नारा और पॉलिटिकल चालबाजियां दर्शकों को हंसा रही हैं। दुर्गेश ने बताया कि उन्होंने छोटे रोल के लिए ऑडिशन दिया था, लेकिन मेकर्स ने उनके किरदार को बढ़ाया। उनकी मेहनत और NSD की ट्रेनिंग ने उन्हें ‘सुल्तान’, ‘संजू’, ‘भक्षक’ और ‘लापता लेडीज’ जैसी फिल्मों में छोटे मगर यादगार रोल दिलाए। वह अपनी थिएटर कंपनी ‘द पुअर थिएटर कंपनी’ भी चलाते हैं, जहां वह एक्टिंग सिखाते हैं।
प्रेरक सफर और भविष्य | Prerak Safar Aur Bhavishya
दुर्गेश कुमार (Durgesh Kumar) की यात्रा बिहार (Bihar) के छोटे से गांव से शुरू होकर NSD और बॉलीवुड तक पहुंची। इंजीनियरिंग छोड़कर एक्टिंग को अपनाने का उनका फैसला उनके जुनून का सबूत है। नवाजुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin Siddiqui) से प्रेरित दुर्गेश ने 35 से ज्यादा नाटकों में काम किया और ‘पंचायत’ में बनराकस बनकर छा गए। उनकी मेहनत, जैसे ‘हाईवे’ के लिए 25 दिन न नहाना, उनके किरदारों के प्रति समर्पण को दर्शाती है। दुर्गेश का यह सफर हर उस कलाकार के लिए प्रेरणा है, जो छोटे शहरों से बड़े सपने लेकर निकलता है।
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