DDLJ Climax Mistake: शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) और काजोल (Kajol) की ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ (Dilwale Dulhania Le Jayenge) 1995 में रिलीज हुई थी और आज भी यह बॉलीवुड की सबसे प्रतिष्ठित फिल्मों में से एक है। आदित्य चोपड़ा (Aditya Chopra) के निर्देशन में बनी इस रोमांटिक ड्रामा ने अपने गानों, डायलॉग्स और कहानी से दर्शकों का दिल जीता। इस फिल्म का क्लाइमैक्स, जहां सिमरन (Kajol) ट्रेन में राज (Shah Rukh Khan) का हाथ थामने के लिए दौड़ती है, सिनेमा इतिहास का एक यादगार सीन है। लेकिन क्या आपने इस सीन में छिपी एक बड़ी गलती नोटिस की? ग्रैमी अवॉर्ड विजेता संगीतकार रिकी केज (Ricky Kej) ने हाल ही में इस चूक को उजागर किया, जिसने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। इस लेख में इस गलती और फिल्म की कहानी को विस्तार से जानें।
क्लाइमैक्स सीन की कुछ गल्तियां | DDLJ Climax Mistake
‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ (Dilwale Dulhania Le Jayenge) का क्लाइमैक्स सीन, जिसमें सिमरन (Kajol) अपने पिता की इजाज़त मिलने के बाद राज (Shah Rukh Khan) के पीछे चलती ट्रेन में चढ़ने के लिए दौड़ती है, आज भी हर सिनेमा प्रेमी के दिल में जिंदा है। उस पल में राज ट्रेन के दरवाजे पर खड़ा होकर सिमरन की ओर हाथ बढ़ाता है, और सिमरन दौड़ती हुई उससे मिलने की पूरी कोशिश करती है- एक सीन जो बॉलीवुड इतिहास में अमर हो गया है। लेकिन रिकी केज (Ricky Kej) ने अपने X पोस्ट में इस सीन की एक कमी बताई। उन्होंने लिखा, “अगर कोई फिल्ममेकर अपनी जिंदगी में ट्रेन में चढ़ा होता, तो उसे पता होता कि सिमरन किसी भी दरवाजे से ट्रेन में चढ़ सकती थी और राज तक पहुंच सकती थी।” यह टिप्पणी इस सीन की लॉजिकल खामी को उजागर करती है।
रिकी केज का ट्वीट और बहस |DDLJ Climax Mistake
ग्रैमी विजेता रिकी केज (Ricky Kej) ने ‘DDLJ’ (Dilwale Dulhania Le Jayenge) के इस ट्रेन सीन का एक वीडियो शेयर कर इसकी खामी को मजेदार अंदाज में बताया। उनके पोस्ट ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं बटोरीं। एक यूजर ने लिखा, “नहीं, सिमरन ऐसा नहीं कर सकती थी। लहंगे की वजह से उसका मूवमेंट सीमित था। अगर वह बिना मदद के चढ़ने की कोशिश करती, तो ट्रेन के नीचे आ सकती थी।” इस पर रिकी ने हंसते हुए जवाब दिया, “हाहा, सच कहा!” एक अन्य यूजर ने लिखा, “हां, वह किसी और दरवाजे से चढ़ सकती थी, लेकिन प्यार में राज पर फोकस था, दरवाजे पर नहीं।” यह बहस इस सीन की भावनात्मक ताकत और लॉजिक के बीच रोचक टकराव दिखाती है।
‘DDLJ’ की विरासत और लोकप्रियता | DDLJ Ki Virasat Aur Lokpriyata
‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ (Dilwale Dulhania Le Jayenge) 20 अक्टूबर 1995 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। करीब 2.7 करोड़ रुपये के बजट में बनी इस फिल्म ने 103 करोड़ की जबरदस्त कमाई की थी। शाहरुख खान (Shah Rukh Khan), काजोल (Kajol), अनुपम खेर (Anupam Kher) और अमरीश पुरी (Amrish Puri) जैसे सितारों से सजी यह फिल्म प्यार, परिवार और बलिदान की एक दिल छू लेने वाली दास्तान है। इसके गाने, जैसे “तुझे देखा तो ये जाना सनम,” और डायलॉग्स, जैसे “जा सिमरन जा, जी ले अपनी जिंदगी,” आज भी उतने ही लोकप्रिय हैं। यह फिल्म आज भी मराठा मंदिर (Maratha Mandir) में चल रही है, जो इसकी ऐतिहासिक लोकप्रियता को दर्शाता है।
क्लाइमैक्स की भावनात्मक ताकत | Climax Ki Bhavnatmak Takat
रिकी केज (Ricky Kej) की टिप्पणी भले ही इस सीन में लॉजिक की कमी को उजागर करती हो, लेकिन ‘DDLJ’ (Dilwale Dulhania Le Jayenge) का यह क्लाइमैक्स सीन भावनाओं का तूफान है। सिमरन (Kajol) का ट्रेन के पीछे दौड़ना और राज (Shah Rukh Khan) का उसे थामना प्यार की जीत का प्रतीक है। यह सीन दर्शकों को भावनात्मक रूप से बांध लेता है, जिसके कारण इसकी लॉजिकल खामी को नजरअंदाज कर दिया जाता है। आदित्य चोपड़ा (Aditya Chopra) ने इस सीन को इतना प्रभावशाली बनाया कि यह सिनेमा इतिहास का हिस्सा बन गया। यह सीन आज भी प्यार और जुनून का प्रतीक है।
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