Ittefaq 1969 : यश चोपड़ा की मास्टरपीस को IMDb पर 7.4 रेटिंग, राजेश खन्ना की एक्टिंग ने मचाया था धमाल

Roshani

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Ittefaq 1969

Ittefaq 1969 : 56 साल पहले 1969 में रिलीज हुई फिल्म ‘इत्तेफाक’ (Ittefaq) ने बॉलीवुड में एक अनोखा प्रयोग किया था—बिना इंटरवल वाली सस्पेंस थ्रिलर। यश चोपड़ा (Yash Chopra) के निर्देशन में बनी यह फिल्म अपनी रहस्यमयी कहानी और दमदार अभिनय के लिए खास पहचान रखती है। राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) और नंदा (Nanda) की प्रमुख भूमिकाओं वाली इस फिल्म को दर्शकों का भरपूर प्यार मिला, और IMDb पर इसे 7.4 की बेहतरीन रेटिंग प्राप्त हुई। बी.आर. चोपड़ा (B.R. Chopra) के प्रोडक्शन में बनी यह फिल्म सिर्फ 20-25 दिनों में शूट हुई थी और फिल्मफेयर अवॉर्ड्स में इसने बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट साउंड डिजाइन और बेस्ट साउंड रिकॉर्डिस्ट का खिताब जीता। आइए जानते हैं इस सस्पेंस से भरी फिल्म की कहानी और इसके पीछे की खास बातें।

‘इत्तेफाक’ की रहस्यमयी कहानी | Ittefaq Ki Rahasyamayi Kahani

‘इत्तेफाक’ (Ittefaq) की कहानी दिलीप रॉय (Dilip Roy) नाम के एक चित्रकार के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) ने बखूबी निभाया। दिलीप को अपनी पेंटिंग्स से इतना जुनून है कि वह अपनी पत्नी रेणु (Renu) से ज्यादा प्यार नहीं करता। एक रात गुस्से में रेणु उसकी पेंटिंग खराब करने की कोशिश करती है, जिससे क्रोधित होकर दिलीप उसका गला दबाकर उसकी हत्या कर देता है। इसके बाद कहानी सस्पेंस और ट्विस्ट्स से भर जाती है, जो दर्शकों को अंत तक बांधे रखती है। रात की एक घटना में दिलीप एक अनजान औरत रेखा (Rekha, नंदा) के घर में शरण लेता है, और कहानी रहस्यमयी मोड़ लेती है।

बिना इंटरवल का अनोखा प्रयोग | Bina Interval Ka Anokha Prayog

‘इत्तेफाक’ (Ittefaq) 1969 में अपनी तरह की पहली बॉलीवुड फिल्म थी, जिसमें कोई इंटरवल नहीं था। 104 मिनट की इस फिल्म को यश चोपड़ा (Yash Chopra) ने इतनी कसी हुई स्क्रिप्ट के साथ बनाया कि दर्शक शुरू से अंत तक स्क्रीन से बंधे रहे। फिल्म का सस्पेंस और तेज रफ्तार कहानी दर्शकों को सोचने का मौका नहीं देती। यश चोपड़ा शुरू में माला सिन्हा (Mala Sinha) को कास्ट करना चाहते थे, लेकिन बी.आर. चोपड़ा (B.R. Chopra) ने नंदा (Nanda) को चुना, जिनकी परफॉर्मेंस को खूब सराहा गया। फिल्म का साउंड डिजाइन और बैकग्राउंड स्कोर भी इसकी सस्पेंस वाइब्स को बढ़ाता है।

फिल्मफेयर अवॉर्ड्स और IMDb रेटिंग | Filmfare Awards Aur IMDb Rating

‘इत्तेफाक’ (Ittefaq) को 1969 में फिल्मफेयर अवॉर्ड्स में बेस्ट डायरेक्टर (यश चोपड़ा), बेस्ट साउंड डिजाइन और बेस्ट साउंड रिकॉर्डिस्ट जैसे प्रतिष्ठित सम्मान मिले। IMDb पर इसे 7.4/10 की रेटिंग मिली, जो उस दौर की थ्रिलर फिल्मों में एक बेहतरीन आंकड़ा था। राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) की इंटेंस एक्टिंग और नंदा (Nanda) की प्रभावशाली भूमिका ने इस फिल्म को सिनेमाई इतिहास में खास जगह दिलाई। फिल्म का क्लाइमेक्स इतना जबरदस्त था कि दर्शक हैरान रह गए। यह फिल्म आज भी सस्पेंस थ्रिलर की मिसाल मानी जाती है और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध है।

‘इत्तेफाक’ की विरासत | Ittefaq Ki Virasat

‘इत्तेफाक’ (Ittefaq) यश चोपड़ा (Yash Chopra) और बी.आर. चोपड़ा (B.R. Chopra) की जोड़ी की एक मास्टरपीस थी, जिसने बॉलीवुड में सस्पेंस थ्रिलर जॉनर को नया आयाम दिया। यह फिल्म हॉलीवुड की ‘डायल एम फॉर मर्डर’ (Dial M for Murder, 1954) से प्रेरित थी, लेकिन भारतीय दर्शकों के लिए पूरी तरह ढाली गई। 2017 में ‘इत्तेफाक’ नाम से इसका रीमेक बना, जिसमें सिद्धार्थ मल्होत्रा (Sidharth Malhotra) और सोनाक्षी सिन्हा (Sonakshi Sinha) थे, लेकिन वह मूल फिल्म की बराबरी नहीं कर सका। 56 साल बाद भी यह फिल्म अपनी सस्पेंस और कहानी की वजह से दर्शकों के बीच चर्चित है।

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