Parveen Babi Mysterious Death: बॉलीवुड की ग्लैमरस अदाकारा परवीन बॉबी (Parveen Babi) की ज़िंदगी की रौशनी और उनके अंत का सन्नाटा आज भी लोगों को भीतर तक झकझोर देता है। 20 जनवरी 2005 को मुंबई के जुहू स्थित उनके फ्लैट से उनका सड़ा हुआ शव बरामद हुआ, जिसने पूरे फिल्म जगत को हिला कर रख दिया। तीन दिनों तक दरवाजे पर जमा होते दूध के पैकेट और अखबारों ने जब खामोशी तोड़ी, तब बिल्डिंग मैनेजर ने पुलिस को सूचित किया। हाल ही में पाकिस्तानी एक्ट्रेस हुमैरा असगर अली (Humaira Asghar Ali) की कराची में हुई दर्दनाक मौत ने परवीन की उस पुरानी कहानी को फिर से लोगों की यादों में ताजा कर दिया। दोनों की चकाचौंध से भरी ज़िंदगियां और अकेलेपन में आया दुखद अंत कई अनकहे सवाल छोड़ गए। परवीन (Parveen Babi) के जीवन और उनके आखिरी दिनों की पूरी कहानी जानने के लिए इस लेख को अंत तक पढ़ना न भूलें।
परवीन की चमक और अकेलापन | Parveen Babi Mysterious Death
परवीन बॉबी (Parveen Babi), जिनका जन्म 4 अप्रैल 1954 को गुजरात के जूनागढ़ में हुआ, 1970-80 के दशक की बॉलीवुड की सबसे चर्चित अभिनेत्री थीं। वह पहली भारतीय अभिनेत्री थीं, जिन्हें 1976 में टाइम मैगजीन के एशिया संस्करण के कवर पर जगह मिली। ‘मजबूर’ (Majdur) (1974), ‘दीवार’ (Deewar) (1975), ‘अमर अकबर एंथनी’ (Amar Akbar Anthony) (1977) और ‘नमक हलाल’ (Namak Halal) (1982) जैसी 50 से अधिक फिल्मों में अपनी बोल्ड और ग्लैमरस अदाओं से परवीन (Parveen Babi) ने सुपरस्टार का दर्जा हासिल किया। लेकिन पर्दे की इस चमक के पीछे उनकी निजी ज़िंदगी गहरी उलझनों से भरी थी। वह पैरानॉयड स्किजोफ्रेनिया (Paranoid Schizophrenia) नामक मानसिक बीमारी से पीड़ित थीं, जिसके कारण उन्हें अक्सर लगता था कि लोग, खासकर अमिताभ बच्चन, उनके खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं।
तीन दिन तक सड़ा शव | Parveen Babi Mysterious Death
20 जनवरी 2005 को परवीन (Parveen Babi) का lifeless शरीर जुहू स्थित रिवेरा बिल्डिंग की सातवीं मंजिल पर उनके फ्लैट से बरामद हुआ। लगातार तीन दिन तक दरवाजे के बाहर पड़े दूध के पैकेट और अखबारों ने बिल्डिंग मैनेजर को शक में डाला, जिसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो अंदर परवीन का सड़ा हुआ शव बिस्तर पर पड़ा था। कूपर हॉस्पिटल की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पता चला कि उनकी मौत डायबिटीज और गैंग्रीन से हुई थी। उनके पेट में खाना नहीं था, केवल दवाओं के साथ थोड़ा अल्कोहल मिला। पुलिस ने इसे प्राकृतिक मौत माना, क्योंकि कोई चोट या साजिश के संकेत नहीं मिले। हैरानी की बात यह थी कि उनके परिवार से कोई भी शव लेने नहीं आया। उनके पूर्व प्रेमी कबीर बेदी, महेश भट्ट और डैनी डेन्जोंगपा अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
हुमैरा की मौत से समानता | Humaira Ki Maut Se Samanta
पाकिस्तानी एक्ट्रेस (Pakistani Actress) हुमैरा असगर अली (Humaira Asghar Ali) की हालिया मौत ने परवीन (Parveen Babi) की कहानी को फिर से याद दिलाया। 8 जुलाई 2025 को कराची के डिफेंस इलाके में हुमैरा का शव उनके फ्लैट में सड़ा हुआ मिला। अनुमान है कि उनकी मौत दो हफ्ते पहले हुई थी। पड़ोसियों ने बदबू की शिकायत की, और मकान मालिक ने बकाया किराए के लिए कोर्ट का सहारा लिया। पुलिस ने ताला तोड़कर शव बरामद किया। हुमैरा ‘तमाशा घर’ (Tamasha Ghar) और ‘जलेबी’ (2015) में अपने अभिनय और 7.13 लाख इंस्टाग्राम फॉलोअर्स के लिए जानी जाती थीं। उनकी मौत का कारण भी पोस्टमॉर्टम से ही पता चलेगा, लेकिन परिवार के शव न लेने की खबर ने इसे और दुखद बना दिया। दोनों घटनाएं इंडस्ट्री की चमक के पीछे के अकेलेपन को उजागर करती हैं।
ग्लैमर के पीछे का अंधेरा | Glamour Ke Peeche Ka Andhera
परवीन बॉबी (Parveen Babi) और हुमैरा असगर अली की कहानियां दिखाती हैं कि सितारों की जिंदगी जितनी चमकती दिखती है, उतनी ही अंधेरी हो सकती है। परवीन की स्किजोफ्रेनिया और हुमैरा का अकेलापन उनकी प्रतिभा पर भारी पड़ गया। परवीन ने 70 के दशक में बोल्ड किरदारों से सिनेमा को नया आयाम दिया, लेकिन उनकी बीमारी और परिवार की दूरी ने उन्हें अकेला छोड़ दिया। हुमैरा (Humaira Asghar Ali) की मौत ने भी यही सवाल उठाया कि क्या समाज और परिवार सितारों को वक्त पर सहारा दे पाते हैं? इन दुखद घटनाओं ने इंडस्ट्री और समाज को सोचने पर मजबूर किया है।
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