Pawan Singh on Hindi-Marathi Dispute: भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार पवन सिंह (Pawan Singh) ने महाराष्ट्र में चल रहे हिंदी-मराठी भाषा विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए एक साफ और बेबाक बयान दिया है। उन्होंने साफ कहा कि वह मराठी नहीं जानते और न ही इसे बोलेंगे, चाहे इसके लिए उनकी जान ही क्यों न चली जाए। यह बयान महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के नेता राज ठाकरे (Raj Thackeray) के मराठी भाषा को बढ़ावा देने वाले रुख के जवाब में देखा जा रहा है। पवन सिंह की यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई है। आइए जानते हैं इस विवाद और पवन सिंह के बयान की पूरी कहानी।
हिंदी-मराठी विवाद की पृष्ठभूमि | Pawan Singh on Hindi-Marathi Dispute
महाराष्ट्र में लंबे समय से मराठी भाषा को लेकर एक संवेदनशील बहस चल रही है। राज ठाकरे और उनकी पार्टी MNS का मानना है कि महाराष्ट्र में रहने वालों को मराठी भाषा बोलनी चाहिए। हाल के दिनों में यह मुद्दा तब और गरमाया जब गैर-मराठी भाषियों के साथ कुछ हिंसक घटनाएं सामने आईं, जैसे एक दुकानदार की पिटाई का मामला, सिर्फ इसलिए क्योंकि उसे मराठी नहीं आती थी। इस तरह की घटनाओं ने लोगों में डर का माहौल पैदा किया है। ऐसे में भोजपुरी सिनेमा के मशहूर अभिनेता और गायक पवन सिंह (Pawan Singh) ने इस विवाद पर अपनी राय रखी और मराठी भाषा को अनिवार्य करने के खिलाफ खुलकर बोले।
‘मराठी नहीं बोलूंगा’ |Pawan Singh on Hindi-Marathi Dispute
हाल ही में एक टीवी शो के दौरान पवन सिंह (Pawan Singh) ने हिंदी-मराठी भाषा विवाद पर अपनी बेबाक राय रखी। उन्होंने साफ कहा कि उन्हें अपनी मातृभाषा भोजपुरी पर गर्व है और वह किसी दबाव में आकर मराठी भाषा बोलने के लिए मजबूर नहीं होंगे। पवन ने जोर देकर कहा कि भारत एक स्वतंत्र देश है, जहां हर नागरिक को अपनी पसंद की भाषा बोलने का अधिकार है। उन्होंने मराठी को अनिवार्य करने को “घमंड” और “अहंकार” करार दिया। पवन ने बताया कि उनका जन्म बंगाल में हुआ, लेकिन वह बांग्ला भी नहीं बोलते। उन्होंने कहा, “मैं मुंबई काम करने जाऊंगा, और अगर लोग कहते हैं कि मराठी बोलना जरूरी है, तो यह गलत है। ज्यादा से ज्यादा क्या होगा? जान से मार देंगे? मुझे मरने का डर नहीं है।” यह बयान उनकी बेबाकी को दर्शाता है।
पवन सिंह की बेबाकी और विवादों से नाता | Pawan Singh Ki Bebaki Aur Vivadon Se Naata
पवन सिंह (Pawan Singh) भोजपुरी सिनेमा के सबसे बड़े सितारों में से एक हैं। उनकी गायकी और अभिनय के साथ-साथ उनकी बेबाकी भी चर्चा में रहती है। वह आमतौर पर सामाजिक मुद्दों पर कम बोलते हैं, लेकिन जब बोलते हैं, तो उनकी बातें सुर्खियां बन जाती हैं। पवन पहले भी कई विवादों में रहे हैं, जैसे खेसारी लाल यादव (Khesari Lal Yadav) और उनकी पत्नी ज्योति सिंह के साथ उनका विवाद। इस बार हिंदी-मराठी भाषा विवाद पर उनके बयान ने राज ठाकरे और MNS को सीधा जवाब दिया है। पवन ने कहा कि किसी भी भाषा को थोपना समाज में नफरत और विभाजन को बढ़ावा देता है।
भाषा विवाद पर अलग-अलग राय | Bhasha Vivad Par Alag-Alag Rai
पवन सिंह (Pawan Singh) का बयान जहां हिंदी और भोजपुरी के पक्ष में है, वहीं भजन गायक अनूप जलोटा (Anup Jalota) ने इस मुद्दे पर थोड़ा अलग रुख अपनाया। अनूप ने कहा कि उन्हें मराठी भाषा बहुत पसंद है, और वह इसमें गाने भी गाते हैं। हालांकि, उन्होंने जोर दिया कि हिंदी हमारी मातृभाषा है और इसे हर जगह सम्मान मिलना चाहिए। अनूप का मानना है कि हमें जितनी भाषाएं सीख सकें, सीखनी चाहिए, लेकिन अपनी मातृभाषा को नहीं भूलना चाहिए। पवन सिंह का बयान अधिक आक्रामक और हिंदी के अधिकार की रक्षा पर केंद्रित है, जो महाराष्ट्र में गैर-मराठी भाषियों के लिए एक मजबूत संदेश है।
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