Rajesh Khanna House Ashirwaad: बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना ने 1970 के दशक में अपनी पहचान से फिल्म इंडस्ट्री को एक नया मुकाम दिया। उनके द्वारा खरीदा गया मुंबई का फेमस बंगला ‘आशीर्वाद’ जितना भव्य था, उतनी ही इससे जुड़ी डरावनी कहानियां भी फेमस थीं। इस बंगले का इतिहास ऐसा है कि इसे लेकर लोगों का मानना है कि जो भी सितारा यहां रहा, उसके करियर में बुरा समय आ गया। राजेश खन्ना से पहले इस बंगले के दो बड़े मालिक रहे, जिनके करियर में इस बंगले के बाद गिरावट आई।
राजेश खन्ना का बंगला था शापित? (Rajesh Khanna House Ashirwaad)
इस बंगले के पहले मालिक थे हिंदी सिनेमा के दिग्गज भारत भूषण और उसके बाद इस बंगले के मालिक बने राजेंद्र कुमार, जो अपने समय के सबसे बड़े सितारों में से एक थे। जब उन्होंने यह बंगला खरीदा, तो वह अपने करियर के शीर्ष पर थे और उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा रही थीं। परंतु बंगले में शिफ्ट होते ही जैसे किस्मत ने उनका साथ छोड़ दिया। उनकी फिल्मों की सफलता कम होने लगी, और धीरे-धीरे उनका करियर ढलान पर आ गया। राजेंद्र कुमार के करियर में आई इस गिरावट को लोग इस बंगले की बदकिस्मती से जोड़ने लगे।
राजेश खन्ना का करियर और ‘आशीर्वाद’ से जुड़ी कहानियां
राजेंद्र कुमार के बाद यह बंगला राजेश खन्ना के हाथ आया। जब उन्होंने इसे खरीदा, तब वह बॉलीवुड के सबसे बड़े सुपरस्टार थे। उनकी हर फिल्म हिट हो रही थी और फैंस की भारी भीड़ उनके बंगले के बाहर लगी रहती थी। परंतु जैसे ही राजेश खन्ना ‘आशीर्वाद’ में शिफ्ट हुए, उनके करियर में भी गिरावट आने लगी। एक के बाद एक उनकी फिल्में फ्लॉप होने लगीं और उनका स्टारडम तेजी से घटने लगा। उनके करियर के इस बुरे दौर को लोग सीधे ‘आशीर्वाद’ से जोड़ते हैं।
बंगले का शापित इतिहास (Ashirwaad Bungalow History)
राजेश खन्ना से पहले इस बंगले को कई बड़े सितारों ने खरीदा, परंतु हर किसी का करियर इसके बाद गिरावट की ओर बढ़ा। राजेंद्र कुमार और राजेश खन्ना के अलावा तीसरे सुपरस्टार भारत भूषण का करियर भी इस बंगले में शिफ्ट होने के बाद प्रभावित हुआ। कहा जाता है कि बंगले में कई अजीब घटनाएं होती थीं, जिनसे डरकर लोग इसे शापित मानते थे। हालांकि, इस बंगले की भव्यता और उसकी सुंदरता हमेशा लोगों को अट्रैक्ट करती रही, लेकिन इसके शापित इतिहास ने इसे हमेशा एक रहस्यमय स्थान बना दिया।
यह सवाल हमेशा से उठता रहा है कि क्या वाकई ‘आशीर्वाद’ बंगला शापित था या यह महज एक संयोग था? राजेंद्र कुमार और राजेश खन्ना जैसे बड़े सितारों के करियर में आई गिरावट को लोग इस बंगले से जोड़ते हैं, लेकिन कुछ का मानना है कि यह सिर्फ संयोग हो सकता है। राजेश खन्ना ने जब इस बंगले को बेचा, तब भी उनका करियर संभल नहीं पाया। यह घटना कई सवाल खड़े करती है कि क्या यह बंगला वास्तव में उनके जीवन में बदलाव लाया या फिर यह एक सामान्य घटना थी।
राजेश खन्ना और ‘आशीर्वाद’ का अंत
राजेश खन्ना के करियर में आई गिरावट और निजी जीवन में उतार-चढ़ाव के बाद उन्होंने आखिरकार यह बंगला बेच दिया। लेकिन उनके जीवन से जुड़ी इस संपत्ति की कहानी हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रही। आज भी ‘आशीर्वाद’ बंगला बॉलीवुड के इतिहास में एक खास स्थान रखता है। इसने तीन बड़े सितारों के करियर को प्रभावित किया और इसके पीछे की कहानियां आज भी सिनेमा प्रेमियों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई हैं।
राजेश खन्ना का ‘आशीर्वाद’ बंगला न केवल उनकी शख्सियत का प्रतीक था, बल्कि यह बॉलीवुड के इतिहास में भी एक रहस्यमय अध्याय की तरह दर्ज है। इसके साथ जुड़ी कहानियां यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि क्या वाकई इस बंगले का कोई शापित प्रभाव था, या यह महज एक इत्तेफाक था? चाहे जो भी हो, ‘आशीर्वाद’ की कहानी आज भी लोगों को रोमांचित करती है।
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