Rajesh Khanna Life Story: बॉलीवुड में तमाम ऐसे सितारे हुए हैं जिन्होंने स्टारडम पाने के लिए काफी मेहनत की। जीरो से शुरू किया लेकिन उस मुकाम पर पहुंचे जहां पहुंचने के लिए अक्सर लोग सपने देखते हैं। उनमें से एक राजेश खन्ना भी हैं जिन्होंने अपने अंदाज से सभी का दिल जीत लिया और इंडस्ट्री के पहले सुपरस्टार बन गए। राजेश खन्ना की इस साल 29 दिसंबर को 82वां बर्थ एनिवर्सरी मनाई जा रही है।
हिंदी सिनेमा के पहले सुपस्टार कहे जाने वाले एक्टर राजेश खन्ना का जीवन संघर्ष, सफलता और प्रेरणा से भरा हुआ है। 29 दिसंबर 1942 को अमृतसर में जतिन खन्ना के रूप में जन्मे राजेश का सपना था कि वे फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाएं। शुरुआत में उन्हें थिएटर में काम करने का मौका मिला, जहां से उनकी एक्टिंग के सफर की शुरुआत हुई।
फिल्मी करियर की शुरुआत (Rajesh Khanna Life Story)
1966 में उन्होंने अपनी पहली फिल्म आखिरी खत से बॉलीवुड में कदम रखा, हालांकि यह फिल्म ज्यादा सफल नहीं रही। लेकिन 1969 में आई आराधना ने राजेश खन्ना को एक बड़ा सितारा बना दिया। इस फिल्म में उनकी दमदार एक्टिंग और शर्मिला टैगोर के साथ उनकी जोड़ी ने उन्हें रातों-रात फेमस कर दिया। इसके बाद उन्होंने सफर, कटी पतंग, आनंद, और अमर प्रेम जैसी कई हिट फिल्में दीं, जिन्होंने उन्हें सुपरस्टार के रूप में स्थापित कर दिया।
लगातार 15 हिट फिल्में और स्टारडम
राजेश खन्ना का करियर अपने चरम पर तब पहुंचा, जब उन्होंने 1970 से 1975 तक लगातार 15 सुपरहिट फिल्में दीं। यह रिकॉर्ड आज तक कोई नहीं तोड़ पाया। उनकी खासियत थी उनकी भावनात्मक अभिव्यक्ति, उनके संवाद, और वह मुस्कान जिसने लाखों दिलों को जीत लिया। राजेश खन्ना की फिल्मों का संगीत भी सुपरहिट रहा, जिसमें किशोर कुमार की आवाज और आर.डी. बर्मन का संगीत चार चांद लगा देता था।
प्रशंसकों की दीवानगी और व्यक्तिगत जीवन
राजेश खन्ना के प्रति लोगों की दीवानगी इस हद तक थी कि उनकी एक झलक पाने के लिए लोग घंटों इंतजार करते थे। लड़कियां उनके पोस्टर्स पर किस करती थीं, और उनके लिए खून से खत लिखे जाते थे। इस दौर में उन्होंने डिंपल कपाड़िया से शादी की, जिससे उनके निजी जीवन की चर्चा भी होती रही। हालांकि, यह शादी बाद में टूट गई।
सुपरस्टारडम का अंत और वापसी
80 के दशक में राजेश खन्ना का स्टारडम धीरे-धीरे कम होने लगा और कई ऐसे सितारे आए जिनके कारण राजेश खन्ना का स्टारडम लगभग खत्म हो गया। अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना और धर्मेंद्र जैसे सितारों ने अपनी पकड़ इंडस्ट्री में बनाई और राजेश खन्ना का स्टारडम खत्म हुआ। कितने भी एक्टर्स आए लेकिन राजेश खन्ना का योगदान कभी नहीं भुलाया जा सकता। राजेश खन्ना बाद में राजनीति में आए और 1992 में सांसद भी बने।
आखिरी दिन और विरासत
राजेश खन्ना का जीवन जितना चमकदार था, उनकी मृत्यु उतनी ही भावुक थी। 18 जुलाई 2012 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन उनकी फिल्में और उनका चार्म आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है। राजेश खन्ना की विरासत आज भी भारतीय सिनेमा में सबसे अमूल्य मानी जाती है, और वे हमेशा ‘सुपरस्टार’ के रूप में याद किए जाते रहेंगे। राजेश खन्ना का सफर भारतीय सिनेमा के इतिहास का एक खास हिस्सा है, और उनकी फिल्में पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी।
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