Prem Rog Interesting Facts: भारतीय सिनेमा के शोमैन कहे जाने वाले राज कपूर और उनके बेटे ऋषि कपूर की जोड़ी ने कई फिल्मों में साथ काम किया, लेकिन उनके रिश्ते में भी अपने उतार-चढ़ाव रहे। एक ऐसा ही इंसीडेंट फिल्म ‘प्रेम रोग’ के सेट पर हुआ, जब राज कपूर ने अपने बेटे ऋषि कपूर को कड़ी फटकार लगाई और यहां तक कह दिया कि वे उन्हें फिल्म से निकालकर दिलीप कुमार को लेना चाहते हैं। इस घटना ने फिल्म इंडस्ट्री के साथ-साथ उनके परिवार में भी चर्चा का विषय बना दिया था।
‘प्रेम रोग’ की कहानी और ऋषि कपूर का रोल (Prem Rog Interesting Facts)
साल 1982 में रिलीज हुई फिल्म ‘प्रेम रोग’ एक सामाजिक मुद्दे पर आधारित फिल्म थी, जो विधवा पुनर्विवाह जैसे संवेदनशील विषय पर बनी थी। इस फिल्म में ऋषि कपूर ने देवधर का किरदार निभाया था, जो एक अमीर घर की विधवा महिला से प्रेम करता है और समाज की कुरीतियों से लड़ता है। राज कपूर इस फिल्म के निर्देशन में पूरी तरह से डूबे हुए थे और चाहते थे कि फिल्म का हर पहलू परफेक्ट हो।
फिल्म ‘प्रेम रोग’ के सेट पर एक दिन ऐसा हुआ कि राज कपूर अपने बेटे ऋषि से बेहद नाराज़ हो गए। वे चाहते थे कि ऋषि अपने किरदार में पूरी तरह से डूब जाएं और उन्हें अपनी एक्टिंग में और मेहनत की जरूरत थी। लेकिन जब उन्हें लगा कि ऋषि उनकी उम्मीदों पर खरे नहीं उतर रहे हैं, तो उन्होंने गुस्से में आकर यहां तक कह दिया, “मुझे यूसुफ चाहिए!” यूसुफ यानी दिलीप कुमार, जो उस समय के महान एक्टर माने जाते थे। राज कपूर का यह बयान दर्शाता है कि वे अपने बेटे की एक्टिंग से संतुष्ट नहीं थे और दिलीप कुमार जैसे अनुभवी एक्टर को फिल्म में लेना चाहते थे।
ऋषि कपूर को झेलनी पड़ी आलोचना
इस घटना के बाद ऋषि कपूर को काफी तनाव महसूस हुआ। उन्हें अपने पिता की इस नाराजगी का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने इस चुनौती को एक्सेप्ट किया और अपनी एक्टिंग को बेहतर करने की कोशिश की। इस घटना ने उन्हें एक बेहतर कलाकार बनने में मदद की और उन्होंने ‘प्रेम रोग’ में शानदार प्रदर्शन किया, जिसे ऑडियंस और आलोचकों दोनों ने सराहा।
दिलीप कुमार और राज कपूर का रिश्ता
राज कपूर और दिलीप कुमार का रिश्ता भी काफी गहरा था। दोनों ने कई फिल्मों में साथ काम किया था और वे एक-दूसरे की अदाकारी का बहुत सम्मान करते थे। राज कपूर के लिए दिलीप कुमार हमेशा एक आदर्श अभिनेता रहे हैं। इसलिए जब उन्होंने अपने बेटे ऋषि की परफॉर्मेंस से निराश होकर दिलीप कुमार को फिल्म में लेने की बात कही, तो यह साफ था कि वे अपनी फिल्म के हर पहलू को लेकर बेहद संजीदा थे।
ऋषि कपूर ने साबित किया खुद को
हालांकि, इस घटना के बाद ऋषि कपूर ने अपनी एक्टिंग को निखारने के लिए कड़ी मेहनत की। ‘प्रेम रोग’ में उनकी एक्टिंग उनकी पिछली फिल्मों से बेहतर साबित हुआ और उन्होंने अपने पिता की उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश की। यह फिल्म उनके करियर की एक जरूरी फिल्म साबित हुई और उनकी एक्टिंग को बहुत सराहना मिली।
राज कपूर और ऋषि कपूर के बीच यह विवाद भले ही एक क्षणिक घटना रही हो, लेकिन इसने ऋषि कपूर को एक बेहतर अभिनेता बनने की प्रेरणा दी। ‘प्रेम रोग’ के सेट पर हुआ यह वाकया फिल्म इंडस्ट्री में एक किस्सा बन गया, जो यह दर्शाता है कि राज कपूर अपने काम को लेकर कितने समर्पित थे और अपने बेटे से भी उन्हीं ऊंचाइयों की उम्मीद रखते थे। इस घटना ने पिता-पुत्र के रिश्ते में तनाव भले ही पैदा किया हो, लेकिन अंततः इससे ऋषि कपूर के करियर को एक नई दिशा मिली।
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