Superhit Movies Sad Ends: बॉलीवुड में कई ऐसी फिल्में बनी हैं जिनमें लीड एक्टर्स का ट्रेजिक यानी दुःखद अंत हुआ, जिसने ऑडियंस को गहराई से प्रभावित किया। ये फिल्में न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुईं, बल्कि अपनी भावनात्मक कहानियों और किरदारों के जरिए लोगों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी है।
सुपरहिट फिल्मों में हुआ दर्दनाक अंत (Superhit Movies Sad Ends)
जब फिल्मों के लीड एक्टर्स का अंत दुखद हुआ, तो ऑडियंस भी इमोशनल हो गई और सिनेमाघरों से आंखों में आंसू लिए बाहर निकले। आइए जानते हैं उन 4 शानदार फिल्मों के बारे में, जिनमें मुख्य किरदारों का अंत ऑडियंस के लिए दर्दनाक रहा।
1. देवदास (2002)
साल 2002 में आई फिल्म ‘देवदास’ बॉलीवुड के सबसे मशहूर ट्रेजिक लव स्टोरीज़ में से एक मानी जाती है। शाहरुख खान द्वारा निभाए गए देवदास के किरदार ने प्रेम और दर्द का ऐसा संगम दिखाया कि ऑडियंस भावनाओं से भर गए। संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित इस फिल्म में देवदास का अंत बेहद दुखद होता है, जहां वह शराब और गम में डूबकर अपनी जिंदगी खो देता है।
ऐश्वर्या राय (पारो) और माधुरी दीक्षित (चंद्रमुखी) के साथ इस फिल्म की त्रासदी ने ऑडियंस के दिलों को गहरा झकझोर दिया। देवदास की मौत का सीन इतना इमोशनल था कि ऑडियंस लंबे समय तक इसे नहीं भूल पाए। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर भी धमाकेदार सफलता हासिल की थी और आज भी इसे बॉलीवुड की क्लासिक फिल्मों में गिना जाता है।
2. कल हो ना हो (2003)
‘कल हो ना हो’ शाहरुख खान की एक और फिल्म है, जिसमें उनका किरदार एक दुर्लभ बीमारी से जूझता है और अंत में उसकी मौत हो जाती है। साल 2003 में आई इस फिल्म में शाहरुख के साथ प्रीति जिंटा और सैफ अली खान ने मुख्य भूमिकाएं निभाई थीं। निखिल आडवाणी द्वारा निर्देशित इस फिल्म की कहानी अमन (शाहरुख खान) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक गंभीर बीमारी के कारण अपने प्यार का इज़हार नहीं कर पाता और अंत में उसकी मौत हो जाती है।
अमन का मौत का सीन और फिल्म का भावनात्मक संदेश ऑडियंस के दिलों को छू गया। फिल्म में प्यार, परिवार और दोस्ती की कहानी को बड़े ही खूबसूरत तरीके से दिखाया गया था। ‘कल हो ना हो’ भी बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई थी और इसके गाने और डायलॉग आज भी लोगों के ज़ेहन में बसे हैं।
3. रंग दे बसंती (2006)
साल 2006 में रिलीज हुई ‘रंग दे बसंती’ ने देशभक्ति और दोस्ती की एक नई परिभाषा गढ़ी। इस फिल्म में आमिर खान, सोहा अली खान, कुणाल कपूर, सिद्धार्थ, शरमन जोशी, और आर माधवन जैसे कलाकारों ने दमदार भूमिकाएं निभाई थीं। राकेश ओमप्रकाश मेहरा द्वारा निर्देशित इस फिल्म की कहानी इतिहास और वर्तमान के संघर्षों को बखूबी दिखाती है।
फिल्म में आमिर खान का किरदार डीजे और उसके दोस्तों का अंत देश के लिए बलिदान करते हुए होता है, जो ऑडियंस को भावुक कर देता है। फिल्म का क्लाइमेक्स इतना दर्दनाक और प्रेरणादायक था कि सिनेमाघरों में बैठे लोग देशभक्ति के जज़्बे से भर गए। ‘रंग दे बसंती’ न सिर्फ एक सुपरहिट फिल्म थी, बल्कि यह भारतीय युवाओं के दिलों पर गहरी छाप छोड़ने में सफल रही।
4. रांझणा (2013)
धनुष की बॉलीवुड में एंट्री ‘रांझणा’ से हुई, जो साल 2013 में रिलीज हुई थी। फिल्म में धनुष के साथ सोनम कपूर ने लीड रोल निभाया था। फिल्म की कहानी एकतरफा प्यार और उसकी पीड़ा पर आधारित थी। आनंद एल राय द्वारा निर्देशित इस फिल्म में धनुष का किरदार कुंदन, जो सोनम कपूर के किरदार जोया के प्यार में पागल रहता है, अंत में अपनी जान गंवा देता है।
कुंदन का यह दर्दनाक अंत ऑडियंस के लिए दिल तोड़ने वाला था। उसकी प्यार में दीवानगी और दुखद अंत ने लोगों के दिलों को गहराई से छुआ। फिल्म की भावनात्मक गहराई और कुंदन की मासूमियत ने इसे एक यादगार फिल्म बना दिया। ‘रांझणा’ ने भी बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया और यह फिल्म ऑडियंस के दिलों में बस गई।
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