B Praak Singing Journey: ‘तेरी मिट्टी’, ‘मन भरिया’ और ‘फिलहाल’ जैसे सुपरहिट गीतों से हर दिल को छू लेने वाले बी प्राक (B-Praak), आज पंजाबी और हिंदी म्यूज़िक इंडस्ट्री में एक चमकते हुए सितारे के रूप में पहचाने जाते हैं। उनकी आवाज में दर्द और भावनाओं का ऐसा जादू है कि फैंस इसे दिल से महसूस करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बी प्राक (B Praak) के पिता, मशहूर म्यूजिक डायरेक्टर वरिंदर बचन, नहीं चाहते थे कि उनका बेटा सिंगर बने? हाल ही में लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू में बी प्राक ने अपने बचपन और पिता के साथ अपने रिश्ते का खुलासा किया। आइए, जानते हैं बी प्राक की सिंगिंग जर्नी और उनके पिता के विरोध की कहानी।
पिता का विरोध: सिंगर नहीं, म्यूजिक डायरेक्टर बनो | B Praak Singing Journey
बी प्राक (B Praak) ने बताया कि बचपन से ही उनका सपना सिंगर बनना था, लेकिन उनके पिता वरिंदर बचन (Varinder Bachan) इसके सख्त खिलाफ थे। वरिंदर, जो पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री (Punjab Music Industry) के लेजेंडरी म्यूजिक डायरेक्टर थे, मानते थे कि बी प्राक की गायकी में वह बात नहीं है। बी प्राक ने कहा, “मैं अपनी मां के साथ बैठकर म्यूजिक बनाता था और कहता था कि मैं सिंगर बनूंगा। लेकिन पापा कहते थे, ‘तुम अच्छा नहीं गाते, मैं तुम्हें सिंगर नहीं बना सकता।’” वरिंदर ने उन्हें अपने स्टूडियो में गाने से भी मना किया और सुझाव दिया कि वह म्यूजिक डायरेक्शन में करियर बनाएं। उनके पिता का मानना था कि सिंगर के तौर पर लॉन्च करने के लिए उनके पास पर्याप्त संसाधन नहीं थे।
कठिन ट्रेनिंग और पिता का अनुशासन | Kathin training aur pita ka anushasan.
वरिंदर बचन (Varinder Bachan) ने बी प्राक (B Praak) को संगीत की बारीकियां सिखाने के लिए कई स्टूडियोज में भेजा, लेकिन सख्त हिदायत दी कि उनके बेटे के साथ कोई खास व्यवहार न किया जाए। बी प्राक ने बताया, “पापा का नाम इतना बड़ा था, फिर भी लोग मुझे संगीत नहीं सिखाते थे। उन्होंने कहा कि मेरे नाम से कहीं काम न मांगना, अपना नाम खुद बनाना।” यह सुनकर बी प्राक को बुरा लगा, लेकिन यह उनके लिए सबसे अच्छा सबक साबित हुआ। सरस्वती स्टूडियो (Saraswati Studio) में उन्होंने संगीत सीखा, बी प्राक (B-Praak) के पिता ने साफ शब्दों में कहा कि उसे भी आम छात्रों की तरह सिखाया जाए, चाहे जरूरत पड़े तो पानी भी पिलवाया जाए। इसी सख्त अनुशासन और मेहनत ने बी प्राक को आज एक सफल सिंगर के रूप में गढ़ा है।
सुपरहिट गानों से बुलंदियों तक | Superhit gaano se bulandion tak.
अपनी मेहनत और बेहतरीन हुनर के दम पर बी प्राक ने पंजाबी और हिंदी म्यूज़िक इंडस्ट्री में अपनी खास जगह बनाई। फिल्म ‘केसरी’ (Kesari) का गीत ‘तेरी मिट्टी’ (Teri Mitti) उनकी आवाज का ऐसा उदाहरण है, जो आज भी इसे सुनने वालों के दिलों को गहराई से छूता है! आज भी फैंस दिल से सुनते और सराहते हैं। ‘मन भरिया’ (Man Bhatia) और ‘फिलहाल’ (Filhaal) जैसे गानों ने उन्हें हर उम्र के श्रोताओं का चहेता बनाया। उनकी गायकी में दर्द और भावनाओं की गहराई ने उन्हें बाकी सिंगर्स से अलग किया। बी प्राक ने न सिर्फ सिंगिंग, बल्कि म्यूजिक डायरेक्शन में भी अपनी प्रतिभा दिखाई, लेकिन उनकी पहचान उनकी दिल छूने वाली आवाज से बनी।
वरिंदर बचन: पिता और प्रेरणा | Varinder Bachan: Pita aur prerna
बी प्राक (B Praak) के पिता वरिंदर बचन (Varinder Bachan) पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री के दिग्गज थे, जिन्होंने कई पंजाबी गाने और हिंदू भजन कंपोज किए। उन्होंने योगराज सिंह की फिल्म जाट पंजाब दा में भी काम किया था। 2021 में उनका निधन हो गया, लेकिन उनकी सीख और अनुशासन ने बी प्राक को कामयाबी की ऊंचाइयों तक पहुंचाया। बी प्राक कहते हैं कि पिता का सख्त रवैया उनके लिए वरदान साबित हुआ, क्योंकि इसने उन्हें आत्मनिर्भर बनाया।
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