भविष्य बद्री : बद्रीनाथ मंदिर का भविष्य माने जाने वाला Future बद्री मंदिर जोशीमठ के पास 2744 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जोशीमठ गांव से 17 किलोमीटर अंदर सुभान गांव में स्थित यह मंदिर तपोवन से आगे देखने को मिलता है| Future बद्री मंदिर में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है यह एक सुंदर जल स्रोत है जो कई देवदार के और चीड़ के पेड़ों के बीच में स्थित है|
भगवान विष्णु का एवं मंदिर जी घाटी में बसा हुआ है उसे घाटी को एक बहुत ही दिलचस्प घाटी माना जाता है यह घाटी कई भौगोलिक रहस्य और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए जानी जाती है इसका रास्ता बहुत ही दुर्गम और अनेक प्राचीन व्यापार मार्ग से जुड़ा हुआ है यहां के भूतिया समुदाय और यहां की प्राकृतिक सुंदरता एक आकर्षण का केंद्र है|
भगवान विष्णु के इस छोटे से मंदिर को भविष्य बद्री क्यों कहा जाता है?
मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि भविष्य में जब बद्रीनाथ मंदिर आपदाओं के तहत नष्ट हो जाएगा तब बद्रीनाथ मंदिर से भगवान बद्री की मूर्ति को भविष्य बद्री मंदिर में स्थापित कर दिया जाएगा| Future बद्री धाम बहुत ही खूबसूरत जगह में बसा हुआ है वहीं इसके दूसरी ओर एक चट्टान पर प्राकृतिक रूप से भगवान विष्णु की चतुर्भुज मूर्ति भी बनी हुई है ऐसा कहा जाता है कि भविष्य बद्री मंदिर की मूर्ति हर साल थोड़ा-थोड़ा बढ़ते जा रही है|
बद्रीनाथ धाम की मूर्ति को भविष्य बद्री मंदिर में स्थापित करने के पीछे क्या कारण है ?
भविष्य बद्री मंदिर धौली गंगा नदी के ऊपर एक जगह पर स्थित है भविष्यवाणी के अनुसार कहा जाता है कि कलयुग के अंत में बद्रीनाथ धाम एक विनाशकारी भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हो जाएगा वह भूस्खलन तब होगा जब जोशीमठ में नरसिंह भगवान की मूर्ति की दाहिनी भुजा जमीन में गिर जाएगी उसे घटना के बाद ऐसा कहा जाता है कि बद्रीनाथ मंदिर बंद कर दिया जाएगा और वहां से भगवान बद्री की मूर्ति को Future बद्री मंदिर में स्थापित कर दिया जाएगा|
भविष्य बद्री मंदिर की पौराणिक कथा –
Future बद्री मंदिर का नाम भविष्य बद्री इसलिए रखा गया क्योंकि यह भगवान बद्रीनाथ का भाभी निवास माना जाता है एक कथा के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि जब गुरु शंकराचार्य ने तब तक कुंड से बद्री विशाल को उठाया था तब एक भविष्यवाणी हुई थी उसे भविष्यवाणी के अनुसार जब कलयुग अपने अंत समय में होगा तो न और नर्सिंग पर्वत बदरीनाथ मार्ग को अवरुद्ध कर देंगे उस मंदिर इतना दुर्गम हो जाएगा कि भगवान बदरी में संकट के बादल छाने लगेंगे और ऐसा कहा जाता है कि इस समय इस स्थान पर भगवान बद्री प्रकट होंगे और उनकी मूर्ति को एक नया स्थान दिया जाएगा|
भविष्य बद्री मंदिर के आसपास के घूमने वाले क्षेत्र –
भविष्य बद्री मंदिर जाने के बाद आसपास घूमने के लिए भी बहुत कई अद्भुत जगह है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक महत्व से जानी जाती हैं जिसमें औली हिल स्टेशन फूलों की घाटी चमोली हेमकुंड साहिब भगवान नरसिंह का मंदिर विष्णु प्रयाग और नीति गांव है
कैसे पहुंचे भविष्य बद्री मंदिर ?
भविष्य बद्री मंदिर जोशीमठ के अंदर 17 किलोमीटर दूर एक गांव में स्थित है यहां पहुंचने के लिए 3 किलोमीटर की पैदल यात्रा भी करनी पड़ती है आप सभी जोशीमठ बस स्टैंड से पैदल यात्रा करके या टैक्सी सर्विस लेकर भविष्य बद्री तक पहुंच सकते हैं|
भविष्य बद्री मंदिर पहुंचने का सबसे अच्छा समय –
हालांकि भविष्य बद्री मंदिर आप किसी भी समय जा सकते हैं लेकिन इस यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय मार्च से मैं और सितंबर से नवंबर तक का माना गया है क्योंकि मानसून और सर्दियों Future बद्री के लिए ज्यादा अच्छा मौसम नहीं है उसे टाइम पर यहां की ट्रैकिंग भी प्रभावित हो जाती है बर्फ से कई स्थान ढके रहते हैं तो उसे समय यहां जाना थोड़ा रिस्की माना जाता है |
पूरे विश्व में इस तरह की विशेष घटनाओं और रहस्यमई बातों को को हमारे दर्शकों तक लाना खास खबर का काम है हम आगे भी आपको इस तरह की रेसिपी घटनाओं के बारे में बताएंगे उसके लिए आप हमसे जुड़े रहिए अधिक जानकारी के लिए आप हमारे Facebook , Instagram, Whatsapp चैनल से भी जुड़ सकते हैं |
रूपकुंड झील : उत्तराखंड में कंकालो की झील | जहां मछलियां नहीं , तैरते हैं कंकाल | Top 10 mysteries