Saif Ali Khan Family: सैफ अली खान का नाम जब भी आता है, उनके शानदार फिल्मी करियर के साथ-साथ उनका नवाबी रुतबा भी चर्चा में आता है। हालांकि, अब रियासतों का दौर खत्म हो चुका है, लेकिन सैफ अली खान को पटौदी का नवाब कहा जाता है। इस रियासत का इतिहास काफी दिलचस्प है और यह जानना जरूरी है कि यह रियासत सैफ के परिवार को कैसे और कब मिली थी।
पटौदी रियासत की शुरुआत (Saif Ali Khan Family)
पटौदी रियासत की स्थापना साल 1804 में हुई थी। इस रियासत की नींव उस समय पड़ी, जब अंग्रेजों और मराठों के बीच दूसरा युद्ध हुआ। इस युद्ध में फैज खान ने अंग्रेजों की सहायता की थी। उनके योगदान के बदले में, ईस्ट इंडिया कंपनी ने फैज खान को पुरस्कार स्वरूप पटौदी की रियासत सौंपी। यह एक महत्वपूर्ण घटना थी जिसने पटौदी परिवार की नवाबी की शुरुआत की। इसके बाद फैज खान के वंशजों ने 1949 तक इस रियासत पर शासन किया।
सैफ अली खान के परिवार का नवाबी इतिहास
सैफ अली खान के पूर्वज, सलामत खान, साल 1408 में अफगानिस्तान से भारत आए थे। वे पश्तून जाति से संबंध रखते थे और बाद में पटौदी रियासत के शासक बने। सैफ अली खान के परिवार में नौ नवाब हो चुके हैं। उनके पिता मंसूर अली खान पटौदी, जो एक मशहूर क्रिकेटर भी थे, पटौदी के अंतिम मान्यता प्राप्त नवाब थे। 2011 में सैफ अली खान को 10वें नवाब के रूप में सम्मानित किया गया और उन्हें पगड़ी पहनाई गई, जिसमें उनके परिवार के सदस्य और गांवों के मुखिया शामिल हुए थे।
रियासत का विलय और नवाबी का अंत
1947 में भारत की आजादी के बाद, देश की रियासतों का भारतीय संघ में विलय कर दिया गया। पटौदी रियासत का भी पंजाब में विलय हुआ, और मोहम्मद इफ्तिखार अली खान उस समय पटौदी के नवाब थे। इसके बाद रियासतों के शासकों को प्रिवी पर्स नामक एक वित्तीय सहायता दी जाती थी, लेकिन 1971 में भारत सरकार द्वारा प्रिवी पर्स की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया। इसके बाद से सैफ अली खान का परिवार नाम के नवाब बन गए।
पटौदी के असली नवाब
फैज तलब खान को 1804 में अंग्रेजों से पटौदी रियासत मिली, और उन्होंने 1829 तक इस पर शासन किया। उनके बाद अकबर अली खान, मोहम्मद अली तकी खान, मोहम्मद मुख्तार हुसैन खान, और मोहम्मद मुमताज हुसैन अली खान जैसे नवाबों ने पटौदी रियासत पर शासन किया। सैफ अली खान के पिता मंसूर अली खान भी नवाब बने, जो क्रिकेट की दुनिया में भी काफी प्रसिद्ध थे। उनके पिता, इफ्तिखार अली खान, ने इंग्लैंड और भारत दोनों के लिए क्रिकेट खेला था।
पटौदी की नवाबी पर किताबों में भी जिक्र
वीपी मेनन की किताब ‘द स्टोरी ऑफ द इंटिग्रेशन ऑफ द इंडियन स्टेट्स’ में भी पटौदी रियासत का जिक्र मिलता है। इसमें बताया गया है कि पटौदी उन राज्यों में से एक था जिसे लॉर्ड लेक ने अंग्रेजों की सेवा में योगदान देने के बदले इनाम के तौर पर सौंपा था। आजादी के बाद पटौदी रियासत का विलय भारत में हुआ और इसके शासक परिवार को प्रिवी पर्स के तहत वित्तीय सहायता दी गई।
मंसूर अली खान पटौदी: आखिरी नवाब
सैफ अली खान के पिता मंसूर अली खान पटौदी, जिन्हें क्रिकेट की दुनिया में टाइगर पटौदी के नाम से जाना जाता है, पटौदी के आखिरी नवाब थे। उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी केवल 21 साल की उम्र में की थी, और 2004 तक सबसे कम उम्र के कप्तान का रिकॉर्ड उनके नाम था।
सैफ अली खान के परिवार की यह रियासत अब केवल इतिहास का हिस्सा है, लेकिन उनके परिवार की यह नवाबी पहचान और उनकी ऐतिहासिक विरासत हमेशा उन्हें खास बनाती है।
हम आपके लिए ऐसे ही मनोरंजन की खबरें लाते रहेंगे | बने रहिए खास खबर के साथ और अगर आपको हमारी यह खबर पसंद आती है तो इसके बारे में अधिक जानने के लिए भी हमारे साथ बने रहिए या फिर आप हमारे Facebook , Instagram, twitter के चैनल से भी जुड़ सकते हैं |