Lohri Festival 2025: लोहड़ी का त्योहार उत्तर भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है और खास कर ये त्यौहार पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में फेमस है। 2025 में लोहड़ी 13 जनवरी को मनाई जाएगी। यह त्योहार फसल कटाई के समय की खुशी और नई शुरुआत का प्रतीक है। नवविवाहित जोड़ों के लिए यह दिन विशेष महत्व रखता है। पहली लोहड़ी एक नए जीवन की शुरुआत को दर्शाती है, और इसे विशेष तरीके से मनाया जाता है।
नवविवाहित जोड़ों के लिए लोहड़ी का महत्व (Lohri Festival 2025)
लोहड़ी का त्योहार नवविवाहित जोड़ों के जीवन में खास महत्व रखता है। शादी के बाद पहली लोहड़ी को जोड़े के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इस अवसर पर नवविवाहित जोड़ा अपने परिवार के साथ मिलकर लोहड़ी की पवित्र अग्नि के सामने फेरे लेता है और अपने सुखद वैवाहिक जीवन की कामना करता है। यह परंपरा नव दंपत्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली लाने की प्रतीक होती है।
पहली लोहड़ी पर दूल्हा और दुल्हन नए और रंग-बिरंगे कपड़े पहनते हैं। परिवार और दोस्तगण उन्हें आशीर्वाद देने आते हैं, और मिठाई, तिल, रेवड़ी, मूंगफली आदि प्रसाद के रूप में अग्नि को अर्पित किए जाते हैं। नवविवाहित जोड़े के लिए यह पर्व खास तौर पर खुशियों और नई शुरुआत का प्रतीक होता है।
क्या है लोहड़ी की पूजा विधि?
लोहड़ी के दिन एक विशेष प्रकार की पूजा की जाती है, जिसमें अग्नि की पूजा का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं कि नवविवाहित जोड़े इस दिन कैसे पूजा कर सकते हैं:
1.अग्नि प्रज्वलन: शाम के समय घर के आंगन या खुले स्थान पर लकड़ी और उपलों से अग्नि प्रज्वलित की जाती है। अग्नि को पवित्र माना जाता है और इसी अग्नि में प्रसाद अर्पित किया जाता है।
2.अर्पण: नवविवाहित जोड़े रेवड़ी, मूंगफली, तिल, गुड़, तिल के लड्डू और अन्य मिठाइयों को अग्नि में अर्पित करते हैं। यह अर्पण उनके वैवाहिक जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की कामना के रूप में किया जाता है।
3.परिक्रमा: अग्नि की पूजा करने के बाद जोड़ा उसके चारों ओर सात परिक्रमा करता है। हर परिक्रमा के साथ वे अपने जीवन की खुशहाली और दांपत्य जीवन की सफलता के लिए प्रार्थना करते हैं।
4.आशीर्वाद: पूजा के बाद नवविवाहित जोड़े को परिवार के बड़े-बुजुर्गों से आशीर्वाद मिलता है। यह आशीर्वाद उनके जीवन में सुख-समृद्धि और लंबी आयु के लिए होता है।
लोहड़ी के दिन ध्यान रखने योग्य बातें
1. पूजा स्थल की स्वच्छता: पूजा के दौरान ध्यान रखें कि स्थल साफ-सुथरा हो। यह शुभता का प्रतीक है।
2. नए कपड़े पहनें: नवविवाहित जोड़े इस दिन नए कपड़े पहनते हैं। यह नई शुरुआत और खुशियों का प्रतीक है।
3. मांसाहार और शराब से बचें: लोहड़ी के दिन मांसाहार और शराब के सेवन से बचना चाहिए। यह दिन पवित्रता और धार्मिक आस्थाओं से जुड़ा होता है।
4. अग्नि में झूठा प्रसाद न डालें: पूजा के दौरान अग्नि में ताजे और शुद्ध प्रसाद ही अर्पित करें। झूठा प्रसाद नहीं डालना चाहिए, क्योंकि यह अपशकुन माना जाता है।
5. सकारात्मक सोच रखें: इस दिन परिवार के सभी सदस्य मिलकर उत्सव मनाते हैं। यह दिन परिवार में एकता, प्रेम और सहयोग को बढ़ावा देने का होता है। इसलिए इस दिन नकारात्मकता से दूर रहना चाहिए।
लोहड़ी नवविवाहित जोड़ों के लिए न सिर्फ एक त्योहार है, बल्कि उनके जीवन में सुख-समृद्धि और खुशियों का आशीर्वाद भी लाता है। पहली लोहड़ी की पूजा नवदंपत्ति के लिए खास महत्व रखती है, क्योंकि यह उनके जीवन की नई शुरुआत का प्रतीक है। पूजा की विधि सरल है और इस दिन परिवार और समाज में प्रेम और एकता का संदेश फैलाया जाता है।
डिस्क्लेमर: यहां बताई गई सभी बातें सामान्य जानकारी पर आधारित है। इस पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की राय जरूर लें।
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