Khuda Gawah Afghanistan Shoot: बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन की लोकप्रियता सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं थी, बल्कि विदेशों में भी उनकी दीवानगी का आलम था। उनकी 1992 में रिलीज हुई फिल्म ‘खुदा गवाह’ की शूटिंग अफगानिस्तान में हुई थी, जो उस समय सिविल वॉर की आग में जल रहा था। इस दौरान अफगानिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति मोहम्मद नजीबुल्लाह की बेटी ने अपने पिता से एक अनोखी अपील की थी, जिसने अमिताभ बच्चन के लिए जंग को एक दिन के लिए रोक दिया। आइए, जानते हैं इस दिलचस्प किस्से और फिल्म की शूटिंग से जुड़ी हर बात को।
कब और कहां हुई ‘खुदा गवाह’ की शूटिंग?
‘खुदा गवाह’ एक भव्य बॉलीवुड फिल्म थी, जिसका निर्देशन मुकुल एस. आनंद ने किया था। इसकी शूटिंग 1991 में अफगानिस्तान के काबुल और मजार-ए-शरीफ शहरों में हुई थी। उस समय अफगानिस्तान में सिविल वॉर अपने चरम पर था, क्योंकि सोवियत सेनाएं देश छोड़ चुकी थीं और सत्ता नजीबुल्लाह के हाथों में थी। फिल्म में अमिताभ बच्चन ने बादशाह खान और श्रीदेवी ने बेनजीर का किरदार निभाया था। यह फिल्म अपनी भव्यता और अफगानिस्तान के खूबसूरत लोकेशंस के लिए जानी जाती है, जिसमें बुजकशी (घुड़सवारी पर आधारित खेल) का दृश्य भी शामिल था।
राष्ट्रपति की बेटी की अनोखी अपील (Khuda Gawah Afghanistan Shoot)
फिल्म की शूटिंग के दौरान अमिताभ बच्चन की लोकप्रियता का एक अनोखा नजारा देखने को मिला। उस समय अफगानिस्तान के राष्ट्रपति नजीबुल्लाह की बेटी अमिताभ की बहुत बड़ी प्रशंसक थी। जब उन्हें पता चला कि अमिताभ ‘खुदा गवाह’ की शूटिंग के लिए अफगानिस्तान आ रहे हैं, तो उन्होंने अपने पिता से एक खास गुजारिश की। उन्होंने कहा, “आप मुजाहिदीन से बात कीजिए और एक दिन के लिए जंग रोक दीजिए। इतना बड़ा सुपरस्टार भारत से आया है, अगर लड़ाई बंद होगी तो वो काबुल घूम सकेंगे और लोग भी उन्हें देख सकेंगे।” इस अपील का असर हुआ और मुजाहिदीन ने एक दिन के लिए अपनी गतिविधियां रोक दीं, ताकि अमिताभ और उनकी टीम सुरक्षित रह सकें।
अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था
अफगानिस्तान में शूटिंग के दौरान अमिताभ और उनकी टीम की सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए गए थे। राष्ट्रपति नजीबुल्लाह, जो खुद हिंदी सिनेमा के बड़े प्रशंसक थे, ने अमिताभ को वीवीआईपी मेहमान की तरह ट्रीट किया। जब शूटिंग के लिए टीम होटल से निकलती थी, तो अफगान सेना के पांच टैंक उनके काफिले के आगे और पांच पीछे चलते थे। इसके अलावा, हवाई सुरक्षा के लिए लड़ाकू विमान भी तैनात थे। अमिताभ ने बाद में एक इंटरव्यू में बताया था कि सेट पर टैंक और सैनिकों की मौजूदगी से ऐसा लगता था जैसे वे किसी युद्धक्षेत्र में हैं। फिर भी, स्थानीय लोगों का प्यार और आतिथ्य उन्हें हमेशा याद रहा।
‘खुदा गवाह’ की कहानी और उसका प्रभाव
‘खुदा गवाह’ एक रोमांटिक एक्शन ड्रामा है, जिसमें बादशाह खान (अमिताभ) अफगानिस्तान से भारत आता है ताकि अपनी मंगेतर बेनजीर (श्रीदेवी) के पिता के हत्यारे को ढूंढ सके। फिल्म में श्रीदेवी ने दोहरी भूमिका निभाई थी, और इसमें नागार्जुन, शिल्पा शिरोडकर, और डैनी डेन्जोंगपा जैसे सितारे भी थे। यह फिल्म अफगानिस्तान में बेहद लोकप्रिय हुई और काबुल में 10 हफ्तों तक सिनेमाघरों में चली। फिल्म की भव्य शूटिंग और कहानी ने इसे एक यादगार सिनेमाई अनुभव बनाया।
अमिताभ का यादगार अनुभव
अमिताभ बच्चन ने 2013 में अपने फेसबुक पोस्ट में इस शूटिंग के अनुभव को साझा किया था। उन्होंने लिखा था, “यह मेरी जिंदगी का सबसे यादगार ट्रिप था। अफगानिस्तान के लोग बहुत मेहमाननवाज हैं। हमें उनके घरों में ठहराया गया और पारंपरिक गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया।” उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रपति नजीबुल्लाह ने उनकी टीम को हर तरह की सुविधा दी और देश की खूबसूरती दिखाने के लिए हवाई यात्राएं करवाईं। हालांकि, उस समय सुरक्षा समस्याएं थीं, फिर भी यह अनुभव उनके लिए अविस्मरणीय रहा।
नजीबुल्लाह और बॉलीवुड का कनेक्शन
राष्ट्रपति नजीबुल्लाह हिंदी सिनेमा के बड़े प्रशंसक थे और उन्होंने भारत सरकार से अमिताभ की यात्रा सुनिश्चित करने का आग्रह किया था। उनकी बेटी की अपील और उनकी खुद की दिलचस्पी ने इस शूटिंग को संभव बनाया। यह किस्सा न सिर्फ अमिताभ की वैश्विक लोकप्रियता को दर्शाता है, बल्कि बॉलीवुड और अफगानिस्तान के सांस्कृतिक रिश्ते को भी उजागर करता है।
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