LOC Kargil War Film Details: 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच छिड़ा कारगिल युद्ध दोनों देशों के रिश्तों में एक निर्णायक मोड़ बनकर उभरा। जब पाकिस्तानी घुसपैठियों ने कारगिल की ऊंची चोटियों पर कब्जा जमाया, तब भारतीय सेना ने अदम्य साहस दिखाते हुए ‘ऑपरेशन विजय’ के तहत दुश्मन को पीछे खदेड़ दिया। इस ऐतिहासिक संघर्ष को सिल्वर स्क्रीन पर जीवंत करने का बीड़ा निर्देशक जे.पी. दत्ता ने उठाया और 2003 में उन्होंने ‘एलओसी कारगिल’ जैसी दमदार फिल्म पेश की। इस फिल्म को उसकी यथार्थपरक कहानी, बड़ी स्टारकास्ट और असली हथियारों के प्रयोग के लिए सराहा गया।
सबसे खास बात यह रही कि भारतीय सेना ने फिल्म निर्माण में पूर्ण सहयोग दिया, जिससे यह फिल्म और भी अधिक विश्वसनीय और प्रभावशाली बन सकी।
कब और कहां देख सकते हैं ‘एलओसी कारगिल’?
‘एलओसी कारगिल’ 12 दिसंबर 2003 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। चार घंटे से ज्यादा लंबी यह फिल्म भारतीय सिनेमा की सबसे लंबी फिल्मों में से एक है। हालांकि, यह बॉक्स ऑफिस पर उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी और 33 करोड़ के बजट के मुकाबले केवल 31 करोड़ का वर्ल्डवाइड कलेक्शन कर पाई। वर्तमान में यह फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म्स जैसे अमेजन प्राइम वीडियो और यूट्यूब पर उपलब्ध है, जहां दर्शक इसे कभी भी देख सकते हैं। यह उन लोगों के लिए जरूरी है जो कारगिल युद्ध की वीरगाथा को करीब से समझना चाहते हैं।
‘एलओसी कारगिल’ की रियलिस्टिक खासियत
‘एलओसी कारगिल’ को इसकी प्रामाणिकता के लिए याद किया जाता है। फिल्म में कारगिल युद्ध के प्रमुख दृश्यों को वास्तविकता के साथ पेश किया गया, जिसमें भारतीय सेना के जवानों की वीरता और बलिदान को दर्शाया गया। फिल्म की शूटिंग लद्दाख और कारगिल के पास की गई, जहां युद्ध हुआ था। इसमें दिखाए गए हथियार, जैसे इंसास राइफल, बोफोर्स हॉवित्जर FH77, और बीएम-21 ग्रेड मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर, वही थे जो युद्ध में इस्तेमाल हुए थे। इसके अलावा, भारतीय वायुसेना के SEPECAT जगुआर विमान, मिल एमआई-17, और एचएएल चीता हेलीकॉप्टर भी फिल्म में दिखाए गए, जो इसे और विश्वसनीय बनाते हैं।
इंडियन आर्मी का सहयोग (LOC Kargil War Film Details)
जे.पी. दत्ता की पिछली फिल्म ‘बॉर्डर’ (1997) की तरह, ‘एलओसी कारगिल’ में भी भारतीय सेना ने तकनीकी और सामग्री सहायता प्रदान की। सेना ने न केवल असली हथियार उपलब्ध कराए, बल्कि शूटिंग के दौरान सलाह भी दी ताकि युद्ध के दृश्य वास्तविक लगें। फिल्म में दिखाए गए इंसास राइफल, 1A1 सबमशीन गन, और कार्ल गुस्ताव रिकॉइललेस राइफल भारतीय सेना द्वारा प्रदान किए गए थे। यहां तक कि पाकिस्तानी सैनिकों के लिए दिखाए गए AK-47 और FN FAL राइफल भी भारतीय सेना के स्टॉक से लिए गए थे, हालांकि वास्तविक जीवन में पाकिस्तानी सेना G3 राइफल्स का इस्तेमाल करती थी।
फिल्म की कहानी और स्टारकास्ट
‘एलओसी कारगिल’ कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों की बहादुरी और उनके परिवारों के त्याग की कहानी है। फिल्म में लेफ्टिनेंट विक्रम बत्रा (अभिषेक बच्चन), कैप्टन मनोज पांडे (अजय देवगन), लेफ्टिनेंट बलवंत सिंह (अक्षय खन्ना), और कैप्टन अनुज नैयर (सैफ अली खान) जैसे वास्तविक नायकों की कहानियां दिखाई गई हैं, जिन्हें परम वीर चक्र और महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था। फिल्म में संजय दत्त, सुनील शेट्टी, रानी मुखर्जी, और करीना कपूर जैसे 30 से ज्यादा बड़े सितारे थे, जिसने इसे एक भव्य मल्टी-स्टारर बनाया। कहानी युद्ध के मैदान के साथ-साथ सैनिकों के निजी जीवन और उनके परिवारों की भावनाओं को भी दर्शाती है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ से कारगिल युद्ध की यादें ताजा
हाल ही में 7 मई 2025 को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेना ने पहलगाम आतंकी हमले का जवाब देते हुए पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। इस कार्रवाई ने कारगिल युद्ध की यादें ताजा कर दीं, जब पाकिस्तान ने घुसपैठ की थी और भारत ने उसे करारा जवाब दिया था। ‘एलओसी कारगिल’ उस दौर की याद दिलाती है, जब भारतीय सैनिकों ने असंभव परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी। यह फिल्म न केवल युद्ध की कहानी है, बल्कि देशभक्ति और बलिदान का प्रतीक भी है।
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