The Real Truth Of Sitaare Zameen Par: क्या वाकई Down Syndrome से जूझ रही हैं Goluu Khan? पढ़िए Simran Mangeshkar की कहानी

Roshani

The Real Truth Of Sitaare Zameen Par

The Real Truth Of Sitaare Zameen Par: आमिर खान (Aamir Khan) की नई फिल्म ‘सितारे ज़मीन पर’ (Sitaare Zameen Par), जो 20 जून 2025 को सिनेमाघरो में रिलीज हुई, ने न्यूरोडायवर्जेंट (Neurodivergent) व्यक्तियों की कहानी को संवेदनशीलता के साथ पेश कर दर्शकों का दिल जीत लिया है। इस फिल्म में सिमरन मंगेशकर (Simran Mangeshkar) ने गोलू खान नाम की एक गुस्सैल और जीवंत बच्ची का किरदार निभाया है। खास बात यह है कि सिमरन वास्तव में डाउन सिंड्रोम से पीड़ित हैं, और उनकी यह भूमिका फिल्म की आत्मा को और गहरा बनाती है। आमिर खान ने विशेष जरूरतों वाले बच्चों को कास्ट कर एक साहसिक कदम उठाया है। सिमरन का ऑडिशन और उनकी रियल लाइफ कहानी प्रेरणादायक है। आइए जानते हैं कि सिमरन को यह रोल कैसे मिला और उनकी जिंदगी की कहानी क्या है।

सिमरन मंगेशकर और गोलू खान का किरदार | The Real Truth Of Sitaare Zameen Par

‘सितारे ज़मीन पर’ (Sitaare Zameen Par) में सिमरन मंगेशकर (Simran Mangeshkar) ने गोलू खान का किरदार निभाया है, जो एक न्यूरोडायवर्जेंट बास्केटबॉल टीम का हिस्सा है। गोलू का किरदार गुस्सैल, नटखट मगर दिल से प्यारा है, जो अपने कोच (आमिर खान) को सबक सिखाता है। रियल लाइफ में सिमरन इससे बिल्कुल उलट हैं। उनकी मां वृषाली विलीन मंगेशकर ने एक इंटरव्यू में बताया कि सिमरन बेहद विनम्र, अनुशासित और प्यारी हैं। मुंबई में जन्मी और पली-बढ़ी सिमरन की यह पहली फिल्म है, और उनकी मासूमियत स्क्रीन पर छा गई है। उनकी परफॉर्मेंस ने फिल्म के संदेश को और प्रभावी बनाया।

ऑडिशन में दिखाया कमाल | The Real Truth Of Sitaare Zameen Par

सिमरन (Simran Mangeshkar) को ‘सितारे ज़मीन पर’ (Sitaare Zameen Par) में रोल एक ऑडिशन के जरिए मिला। डायरेक्टर आर.एस. प्रसन्ना और आमिर खान (Aamir Khan) की टीम ने विशेष जरूरतों वाले बच्चों के लिए ऑडिशन आयोजित किए थे। सिमरन से ऑडिशन में ‘गली बॉय’ का एक आइकॉनिक सीन दोहराने को कहा गया, जिसमें आलिया भट्ट का डायलॉग है, “मेरे बॉयफ्रेंड से गुलू गुलू करेगी तो धोपटूंगी ना उसको।” सिमरन ने इस सीन को इतने आत्मविश्वास और सटीकता से एक ही टेक में परफॉर्म किया कि आमिर और उनकी टीम दंग रह गए। उनकी इस प्रतिभा ने उन्हें तुरंत गोलू खान के रोल के लिए चुन लिया। यह सिमरन की स्वाभाविक अभिनय क्षमता का प्रमाण है।

फिल्म की खासियत और सिमरन का योगदान | Film Ki Khasiyat Aur Simran Ka Yogdan

‘सितारे ज़मीन पर’ (Sitaare Zameen Par) 2018 की स्पैनिश फिल्म ‘चैंपियंस’ (Champions) का रीमेक है, जो न्यूरोडायवर्जेंट लोगों की बास्केटबॉल टीम की कहानी बताती है। सिमरन (Simran Mangeshkar) सहित दस नए कलाकारों (आरौश दत्ता, गोपी कृष्ण वर्मा, सम्वित देसाई, वेदांत शर्मा, आयुष भंसाली, आशीष पेंडसे, ऋषि शहानी, रिषभ जैन, नमन मिश्रा) ने इस फिल्म में अपनी मासूमियत से जान डाली। सिमरन की परफॉर्मेंस को क्रिटिक्स ने सराहा, खासकर उनके गुस्से और मासूमियत के मिश्रण को। फिल्म में आमिर खान और जेनेलिया डिसूजा के साथ इन बच्चों की केमिस्ट्री दर्शकों को हंसाती और रुलाती है। सिमरन का किरदार फिल्म के संदेश—सामाजिक स्वीकृति और संवेदनशीलता—को मजबूत करता है।

सामाजिक प्रभाव और फिल्म की कमाई | Samajik Prabhav Aur Film Ki Kamai

‘सितारे ज़मीन पर’ ने डाउन सिंड्रोम (Simran Mangeshkar) और न्यूरोडायवर्जेंसी (Neurodivergent) जैसे विषयों को मुख्यधारा सिनेमा में लाकर एक साहसिक कदम उठाया है। सिमरन जैसे वास्तविक विशेष जरूरतों वाले कलाकारों को कास्ट करना इसकी प्रामाणिकता को बढ़ाता है। आमिर ने फिल्म के ओटीटी राइट्स नहीं बेचे, जिससे यह थिएटर्स में लंबे समय तक चलेगी। सिमरन मंगेशकर (Simran Mangeshkar) की कहानी और उनकी परफॉर्मेंस न केवल फिल्म को खास बनाती है, बल्कि समाज को विशेष जरूरतों वाले लोगों के प्रति संवेदनशील होने का संदेश देती है।

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